स्त्री रोगों की चिकित्सा के लिए आयुर्वेद ग्रंथों में अशोक का नाम सर्वोपरि आता है . अशोक से बनी औषधि अशोकारिष्ट महिलाओं के लिए एक श्रेष्ठ औषधि एवं उत्तम टॉनिक है . आज इस आर्टिकल में हम बता रहे हैं ‘ अशोकारिष्ट सिरप पीने के फायदे ‘ क्या हैं और क्यों इसे स्त्रियों की सबसे बेहतर औषधि कहा जाता है .
अशोकारिष्ट का परिचय ( अशोकारिष्ट क्या है ? )
कहा जाता है कि अशोक का वृक्ष शोक को नष्ट करने वाला होता है , इसीलिये इसका नाम अशोक कहा गया है . अशोक वृक्ष की छाल , पत्ते , जड़ आदि स्त्री रोगों की चिकित्सा में प्रयोग किये जाते हैं . इसलिए अशोक को स्त्रियों के लिए सबसे गुणकारी माना गया है . अशोक के अलावा संस्कृत में इसे हेमपुष्प , रक्त्पल्लव , कंकोली , अंगना प्रिय , ताम्र्पल्लव आदि नामों से भी जाना जाता है .
अशोकारिष्ट बनाने के लिए अशोक वृक्ष की छाल का उपयोग किया जाता है . अशोक वृक्ष की छाल को कूट कर किसी बर्तन में पानी मिला कर उसे उबाल कर क्वाथ बनाते हैं . चौथाई भाग शेष रहने पर ठंडा होने के बाद उसे गुड़ एवं अन्य औषधियां मिला कर बर्तन का मुंह बंद करके एक महीने तक रखते हैं .
अशोकारिष्ट सिरप फॉर पीरियड्स
अशोकारिष्ट महिलाओं के पीरियड्स की सभी समस्याओं में प्रभावकारी कार्य करता है . पीरियड्स में अशोकारिष्ट के फायदे निम्नलिखित हैं –
- अशोकारिष्ट के सेवन से पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत मिलती है .
- जिन स्त्रियों को पीरियड्स कम होते हैं उन्हें अशोकारिष्ट के सेवन से पीरियड्स खुल कर आते हैं .
- यदि पीरियड्स में स्राव अधिक होता है तो अशोकारिष्ट के सेवन से फायदा होता है .
- यदि पीरियड्स अनियमित हैं तो अशोकारिष्ट के सेवन से पीरियड्स रेगुलर होते हैं .
अशोकारिष्ट सिरप पीने के फायदे
स्त्रियों की अधिकतर समस्याओं का समाधान अशोकारिष्ट पीने से हो जाता है , इसलिए इसे स्त्रियों के सेहत के लिए वरदान कहा जाता है . अशोकारिष्ट सिरप पीने के फायदे निम्नलिखित हैं –
- अशोकारिष्ट के सेवन से महिलाओं को श्वेत प्रदर और रक्त प्रदर में लाभ होता है .
- अशोकारिष्ट के सेवन से पीरियड्स में होने वाले दर्द में कमी होती है . ( पढ़ें – पीरियड्स में दर्द कैसे कम करें )
- अशोकारिष्ट के सेवन से पीरियड्स नियमित होते हैं .
- अशोकारिष्ट के सेवन से गर्भाशय में सूजन में फायदा होता है .
- अशोकारिष्ट के सेवन से महिलाओं की शारीरिक कमजोरी नष्ट होती है .
- अशोकारिष्ट के सेवन से कोष्ठबद्धता ( कब्ज ) में फायदा होता है .
- अशोकारिष्ट के सेवन से योनि शूल और योनि भ्रंश में फायदा होता है .
- अशोकारिष्ट के सेवन से स्त्रियों को कमर दर्द में लाभ होता है .
- प्रसव के बाद अधिक रक्त स्राव होने पर अशोकारिष्ट के सेवन से लाभ होता है .
- अशोकारिष्ट का सेवन कृमिनाशक और पीलिया में भी लाभकारी होता है .
- अशोकारिष्ट का सेवन गर्भाशय की निर्बलता दूर कर गर्भाशय को मजबूती प्रदान करता है .
अशोकारिष्ट सिरप कैसे पीना चाहिए
स्त्रियों के लिए अत्यंत गुणकारी औषधि अशोकारिष्ट का सेवन उचित मात्रा में और सही तरीके से किया जाए तो महिलाओं की अधिकतर समस्याओं का समाधान हो जाता है . आइये जानते हैं कि अशोकारिष्ट सिरप कैसे पीना चाहिए –
- अशोकारिष्ट का सेवन हमेशा भोजन के बाद करना चाहिए .
- अशोकारिष्ट में हमेशा बराबर पानी मिला कर सेवन करना चाहिए .
- अशोकारिष्ट को 15 – 25 ml की मात्रा में लेना चाहिए .
अशोकारिष्ट कितने दिन पीना चाहिए ?
अशोकारिष्ट का प्रयोग विभिन्न स्त्री रोगों में किया जाता है जैसे श्वेत प्रदर ( ल्यूकोरिया ) , रक्त प्रदर , अनियमित मासिक स्राव , कष्टार्तव , गर्भाशय विकार आदि . रोग की अवस्था और चिकित्सक की सलाह के अनुसार अशोकारिष्ट का सेवन करना चाहिए .
सामान्यतः अशोकारिष्ट का सेवन 1 – 3 महीने तक किया जा सकता है किन्तु सेवन करने से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए . कुछ परिस्थितियों में अशोकारिष्ट का सेवन नुकसान दायक भी हो सकता है .
अशोकारिष्ट पीने में सावधानियां ( अशोकारिष्ट किसे नहीं पीना चाहिए ? )
निम्नलिखित परिस्थितियों में अशोकारिष्ट का सेवन नहीं करना चाहिए –
- प्रेगनेंट होने पर ( पढ़ें – प्रेगनेंसी में क्या नहीं करना चाहिए )
- एसिडिटी होने पर ( पढ़ें – एसिडिटी का तुरंत इलाज )
- डायबिटीज होने पर
FAQ
प्रश्न – क्या पीरियड में अशोकारिष्ट पीना चाहिए ?
उत्तर – पीरियड्स से सम्बंधित अधिकतर समस्याओं में अशोकारिष्ट का सेवन लाभदायक होता है . इसे पीरियड्स के दौरान सेवन किया जा सकता है .
प्रश्न – अशोकारिष्ट और दशमूलारिष्ट में क्या अंतर है ?
उत्तर – अशोकारिष्ट का मुख्य घटक अशोक होता है और इसे सामान्यतः स्त्रियों के प्रदर , मासिक स्राव आदि से सम्बंधित रोगों में काम लिया जाता है . दशमूलारिष्ट में दस प्रकार की औषधियों की जड़ का उपयोग किया जाता है जिसे स्त्रियों के प्रसव के बाद होने वाली कमजोरी एवं वायु के रोगों में प्रयोग किया जाता है . ( पढ़ें – दशमूलारिष्ट के फायदे )
प्रश्न – अशोकारिष्ट कौन कौन सी बीमारी में काम आता है ?
उत्तर – अशोकारिष्ट श्वेत प्रदर , रक्त प्रदर , अनियमित मासिक स्राव , कष्टार्तव , गर्भाशय विकार , कमर दर्द , पेट दर्द आदि बीमारियों में प्रयोग किया जाता है .
दोस्तों , आज हमने अशोकारिष्ट सिरप पीने के फायदे एवं अशोकारिष्ट से सम्बंधित अन्य जानकारी शेयर की . अगले लेख में अन्य उपयोगी और रोचक जानकारी के साथ हाजिर होंगे .